ब्लूम का वर्गीकरण (Bloom’s Taxonomy)

ब्लूम का वर्गीकरण (Bloom’s Taxonomy) तीन स्तरों का एक समूह है जो कि श्रेणीबद्ध है तथा इसका उपयोग शैक्षिक शिक्षण उद्देश्यों को जटिलता और विशिष्टता के स्तरों में वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है। ब्लूम के वर्गीकरण (Bloom’s Taxonomy) का सिद्धांत बेंजामिन ब्लूम ने 1956 में दिया था। बेंजामिन ब्लूम जो कि अमेरिका के …

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व्यक्तित्व का अर्थ एवं परिभाषाएं

सामान्यतः देखा जाए तो व्यक्तित्व का अर्थ मनुष्य के बाहरी रूप या शारीरिक बनावट व उसके रंग-रूप, मोटाई, लंबाई आदि शारीरिक संरचना से है। शारीरिक संरचना के साथ-साथ मनुष्य के व्यवहार एवं उसकी बोली को भी व्यक्तित्व में शामिल किया जाता है। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से ‘व्यक्तित्व’ व्यक्ति के समस्त व्यवहार का दर्पण है, अर्थात मनुष्य …

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बौद्धिक शिक्षा प्रणाली

बौद्धिक शिक्षा प्रारम्भ करने से पूर्व सर्वप्रथम बौद्ध मन्त्र का जाप कराया जाता था तत्पश्चात बालक का बौद्धिक शिक्षा में प्रवेश होता था। यहाँ हम भी बौद्ध मन्त्र के बाद ही बौद्धिक शिक्षा प्रणाली का अध्यन्न करेंगे – बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि मैं बुद्ध की शरण लेता हूं, मैं धर्म …

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वेदांता दर्शन

वेदांता दर्शन हिंदू दर्शन के 6 महान विद्यालयों में से एक है। हिंदू दर्शन के विद्यालय हिंदुत्व को प्रोत्साहित करते हैं। वेदांता एक दर्शन है अर्थात एक विचारधारा है जिसमें उपनिषद में उठाए गए जीवन से संबंधित सवालों के उत्तर ढूंढने का जो प्रयास किया गया है वर्णित है। आध्यात्मिक चिंतन में वेदांत-सूत्रों का एक …

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इकाई उपागम (Unit Approach)

इकाई उपागम का प्रतिपादन सर्वप्रथम एच. सी. मॉरिसन द्वारा 1956 में किया गया। हेनरी सी. मॉरिसन ने सर्वप्रथम पाठ-योजना तैयार करने के लिए इकाई विधि का प्रयोग किया था जो बाद में शिक्षण-विधि के रूप में स्थापित हुई। विद्वानों एवं ज्ञात तथ्यों के अनुसार इकाई-उपागम का प्रयोग 1920 से शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा …

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उपविषयी या प्रकरण उपागम (Topical Approach)

प्रकरण उपागम अध्ययन की एक ऐसी विधि है जिसमें शिक्षक एक ऐसे प्रकरण का निर्माण करता है जिसे केंद्रीय प्रकरण के समान प्रयोग किया जाता है तथा जिसमें विभिन्न शीर्षकों की एक ऐसी श्रंखला तैयार की जाती है जिसे एक ही कक्षा में केंद्रीय प्रकरण की सहायता से सम्पन्न करा दिया जाता है तथा पुनः …

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission)

सर्वप्रथम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission) की नींव सन 1946 में सार्जेंट रिपोर्ट (1944) की सिफारिश में रखी गई। सार्जेंट रिपोर्ट ने 1944 में अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय अनुदान समिति की स्थापना के लिए सिफारिश की थी। सन 1946 अर्थात स्वतंत्रता से पूर्व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को विश्वविद्यालय अनुदान समिति के नाम से जाना …

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NEP-1986

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-1986)

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-1986) से पूर्व भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रकार के परिवर्तन किए गए। देश की आजादी के बाद देश में शिक्षा के स्वरूप को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई परिवर्तन आए। समय के साथ-साथ शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर आयोगों का गठन …

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उपलब्धि परीक्षण

उपलब्धि परीक्षण

उपलब्धि परीक्षण का प्रयोग छात्रों द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों का मापन करने से है। उपलब्धि परीक्षण का तात्पर्य यह हुआ कि शिक्षक द्वारा दिए गए ज्ञान को छात्रों ने कितना अर्जित किया है अर्थात छात्रों ने कितने ज्ञान की उपलब्धि प्राप्त की है इसका मापन करने के लिए शिक्षक द्वारा उपलब्धि परीक्षण किया जाता …

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कोठारी आयोग

कोठारी आयोग

कोठारी आयोग – स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए शिक्षा व्यवस्था का पुनः निर्माण किया गया। सर्वप्रथम भारत सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार लाने के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग का गठन 4 नवंबर 1948 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अध्यक्षता में किया गया। विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग ने कई …

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