बी.एड.

उपविषयी या प्रकरण उपागम (Topical Approach)

प्रकरण उपागम अध्ययन की एक ऐसी विधि है जिसमें शिक्षक एक ऐसे प्रकरण का निर्माण करता है जिसे केंद्रीय प्रकरण के समान प्रयोग किया जाता है तथा जिसमें विभिन्न शीर्षकों की एक ऐसी श्रंखला तैयार की जाती है जिसे एक ही कक्षा में केंद्रीय प्रकरण की सहायता से सम्पन्न करा दिया जाता है तथा पुनः …

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission)

सर्वप्रथम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission) की नींव सन 1946 में सार्जेंट रिपोर्ट (1944) की सिफारिश में रखी गई। सार्जेंट रिपोर्ट ने 1944 में अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय अनुदान समिति की स्थापना के लिए सिफारिश की थी। सन 1946 अर्थात स्वतंत्रता से पूर्व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को विश्वविद्यालय अनुदान समिति के नाम से जाना …

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NEP-1986

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-1986)

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-1986) से पूर्व भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रकार के परिवर्तन किए गए। देश की आजादी के बाद देश में शिक्षा के स्वरूप को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई परिवर्तन आए। समय के साथ-साथ शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर आयोगों का गठन …

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उपलब्धि परीक्षण

उपलब्धि परीक्षण

उपलब्धि परीक्षण का प्रयोग छात्रों द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों का मापन करने से है। उपलब्धि परीक्षण का तात्पर्य यह हुआ कि शिक्षक द्वारा दिए गए ज्ञान को छात्रों ने कितना अर्जित किया है अर्थात छात्रों ने कितने ज्ञान की उपलब्धि प्राप्त की है इसका मापन करने के लिए शिक्षक द्वारा उपलब्धि परीक्षण किया जाता …

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कोठारी आयोग

कोठारी आयोग

कोठारी आयोग – स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए शिक्षा व्यवस्था का पुनः निर्माण किया गया। सर्वप्रथम भारत सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार लाने के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग का गठन 4 नवंबर 1948 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अध्यक्षता में किया गया। विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग ने कई …

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पाठ्यक्रम एकीकरण

पाठ्यक्रम एकीकरण

पाठ्यक्रम एकीकरण का अर्थ यह हुआ कि किसी विद्यालय में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम को एक दूसरे से अलग ना करते हुए उन्हें एक साथ पढ़ाया जाना। अर्थात पाठ्यक्रम एकीकरण का अर्थ यह हुआ कि कक्षा के अंतर्गत कक्षा के अंदर एवं कक्षा के बाहर विद्यार्थी द्वारा विषय से संबंधित जितने अनुभव प्राप्त किए जाते …

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मुदालियर आयोग के सुझाव

मुदालियर आयोग के सुझाव

मुदालियर आयोग के सुझाव- माध्यमिक शिक्षा आयोग जिसका गठन डॉक्टर लक्ष्मणस्वामी मुदालियर जी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। डॉक्टर लक्ष्मणस्वामी मुदालियर के अध्यक्षता में माध्यमिक शिक्षा आयोग का गठन हुआ अतः इसे मुदालियर आयोग के नाम से भी जाना जाता है। मुदालियर आयोग ने अपने प्रत्यावेदन में माध्यमिक शिक्षा के तात्कालिक दोषों का वर्णन किया, …

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मुदालियर आयोग

माध्यमिक शिक्षा आयोग (मुदालियर आयोग)

मुदालियर आयोग- कहा जाता है बुनियादी शिक्षा का अच्छा होना आवश्यक है। यदि बुनियादी शिक्षा अच्छी होगी तो आगे की शिक्षा और मजबूत होगी। विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के गठन के बाद माध्यमिक शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता पड़ी। विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग का गठन विश्वविद्यालय शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए किया गया …

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शिक्षा के उद्देश्य

समकालीन भारतीय समाज में शिक्षा के उद्देश्य

शिक्षा के उद्देश्य- समकालीन शब्द का अर्थ होता है वर्तमान समय या आधुनिक समय। वर्तमान समय या आधुनिक समय में हमारा समाज व हमारी सरकार व्यक्ति के शिक्षित होने पर अधिक बल दे रही है। उद्देश्य या लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए ही हम कोई कार्य करते हैं। भारतीय शिक्षा के भी कुछ मुख्य लक्ष्य हैं …

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Shiksha ki Prakriti

शिक्षा की प्रकृति (Shiksha ki Prakriti)

शिक्षा के अर्थ एवं परिभाषा को समझने के बाद हम यह समझ सकते हैं कि शिक्षा की प्रकृति (Shiksha ki Prakriti) बहुत जटिल है। शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली क्रिया है। हम अपने सम्पूर्ण जीवन काल में  शिक्षा ग्रहण करते रहते हैं। शिक्षा और सभ्यता का आपस में बहुत गहरा सम्बन्ध है जिसका हमारे जीवन में …

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