पाठ्यक्रम एकीकरण का अर्थ यह हुआ कि किसी विद्यालय में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम को एक दूसरे से अलग ना करते हुए उन्हें एक साथ पढ़ाया जाना। अर्थात पाठ्यक्रम एकीकरण का अर्थ यह हुआ कि कक्षा के अंतर्गत कक्षा के अंदर एवं कक्षा के बाहर विद्यार्थी द्वारा विषय से संबंधित जितने अनुभव प्राप्त किए जाते हैं उन सब को एक साथ इकट्ठा किया जाना।
पाठ्यक्रम एकीकरण दो शब्दों से मिलकर बना है :-
पाठ्यक्रम और एकीकरण
पाठ्यक्रम-एकीकरण को अच्छे से समझने के लिए हमें सर्वप्रथम पाठ्यक्रम एवं एकीकरण को अलग-अलग करके समझना आवश्यक है ।
पाठ्यक्रम- कोई भी पाठ्यक्रम समाज, राष्ट्र, राज्य, राष्ट्रीय मूल्य, आदर्श, विश्वास, मान्यताएं, सामाजिक आवश्यकताएं एवं मांग आदि के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में एक बच्चा जो-जो अनुभव करता है उन सब को पाठ्यक्रम कहते हैं।
एकीकरण- दो या दो से अधिक वस्तुओ को मिलाकर एकरूप देने की प्रक्रिया को एकीकरण कहते हैं।
अतः हम कह सकते हैं कि पाठ्यक्रम के अन्तर्गत आने वाले सभी अनुभवों को एक साथ मिलाकर उन्हें एकरूप देकर उसका अध्ययन करना अर्थात उन सब अनुभवों को अलग-अलग ना समझते हुए उन सारे अनुभवों को एक साथ समझना पाठ्यक्रम एकीकरण कहलाता है।
पाठ्यक्रम-एकीकरण के अंतर्गत हम सभी विषयों को एक साथ रखकर उसका अध्ययन करते हैं। पाठ्यक्रम एकीकरण में हम विषयों को एक दूसरे से विभाजित नहीं करते अपितु विभाजित करने के स्थान पर हम सारे विषयों को एक साथ रखकर उसका अध्ययन करते हैं।
परिचय
जैसे-जैसे शिक्षा का स्तर बढ़ा वैसे-वैसे बच्चों के शिक्षा को ग्रहण करने की क्षमता में भी भिन्नता आई। वर्तमान के समय में बहुत सारे छात्र ऐसे हैं जिनके ज्ञान अर्जित करने की क्षमता बहुत अधिक है किंतु जितना ज्ञान अर्जित करने की क्षमता उनमें है वह उतना ज्ञान अर्जित नहीं कर पा रहे हैं। जिसका कारण विद्यालयों में पुराने तरीके से अध्ययन कराना है। अर्थात शिक्षकों द्वारा विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग पालियां नियोजित करना तथा समय-सारणी के अनुसार विभिन्न विषयों को अलग-अलग पढ़ाना। इस प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए सामान्य पाठ्यक्रम के स्थान पर पाठ्यक्रम एकीकरण का प्रयोग किया जा रहा है।

पाठ्यक्रम एकीकरण एक ऐसे सिद्धांत पर कार्य करता है जिसमें विभिन्न विषयों को अलग-अलग पढ़ाये जाने के स्थान पर उन सबको एक ही साथ पढ़ाया जाता है।
इस प्रकार के अध्ययन में शिक्षक छात्रों को विभिन्न विषयों के मध्य संबंध एवं प्रसंगिकता पहचानने अथवा स्थापित करने में मदद करता है।
पाठ्यक्रम एकीकरण के उद्देश्य
1- बहु कुशल बालक का विकास करना :- पाठ्यक्रम एकीकरण में विषयों को अलग-अलग ना करते हुए सबको एकरूप देकर बालक को सब विषयों का ज्ञान एक साथ ग्रहण कराया जाता है। जिस कारण बालक की कई कौशलों का विकास एक साथ होता है ।
2- तीर्व बुद्धि वाले बच्चों को विकसित करना :- जब बच्चे को एक साथ कई विषयों को आपस में अंतर्संबंध करके पढ़ाया जाता है तो बच्चे में एक साथ कई कौशालोों का विकास होता है जिस से बच्चे की बुद्धि तीर्व होती है।
3- ज्ञान का अन्वेषण करना अर्थात पता लगाना :- पाठ्यक्रम एकीकरण के अन्तर्गत बच्चे को वास्तविक जीवन से जोड़ कर ज्ञान उपलब्ध कराया जाता है जिस कारण बच्चा उस ज्ञान को अच्छे से गहराई तक समझने में सक्षम हो पता है।
4- सहयोग भावना को विकसित करना :- पाठ्यक्रम एकीकरण छात्रों के अंदर सहयोग की भावना का विकास करता है। विभिन्न विषयों को एक साथ समायोजित किए जाने के कारण छात्रों को एक दूसरे के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है।
5- प्रकरण को नई परिस्थितियों में लागू करना :- किसी भी प्रकरण को अन्य विषयों से समायोजित करके इस प्रकार से पढ़ाया जाता है या सिखाया जाता है कि छात्र नई परिस्थितियों में जाकर के उच्च शिक्षा का प्रयोग कर सके या अन्य क्षेत्रों पर इसे लागू कर सके।
6- समय और शक्ति की बचत करना :- पाठ्यक्रम एकीकरण के अंतर्गत विभिन्न विषयों को एकरूप कर उनका अध्ययन कराया जाता है। विभिन्न विषयों के एकीकरण से विभिन्न विषयों को अलग-अलग करके नहीं पढ़ाना पड़ता जिस कारण समय की बचत होती है तथा विभिन्न विषयों को पढ़ाने में जो श्रम लगता उसमें सब विषयों को अलग-अलग पढ़ाने की तुलना में काफी कम श्रम या शक्ति लगती है।
7- पाठ्य-पुस्तकों के निर्माण में सहायक होना :- पाठ्यक्रम एकीकरण के अंतर्गत हम विभिन्न विषयों के मध्य संबंध स्थापित कर उन्हें एक रूप देना सीखते हैं अर्थात हम विभिन्न विषयों के मध्य जो एकरूपता है उसको पहचानना सीखते हैं जो कि पाठ्य-पुस्तकों के निर्माण में सहायक सिद्ध होता है।
8- मूल्यांकन में सहायता :- विभिन्न विषयों के एकीकरण होने के कारण हमें सबका अलग-अलग करके मूल्यांकन नहीं करना पड़ता जिस कारण पाठ्यक्रम एकीकरण मूल्यांकन में सहायक सिद्ध होता है।
9- शिक्षा के निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति :- शिक्षा के कुछ मुख्य उद्देश्य होते हैं जैसे राष्ट्रीय मूल्यों की प्राप्ति, सामाजिक आवश्यकताओं की प्राप्ति, राष्ट्र के हित हेतु, औद्योगिक विकास हेतु आदि शिक्षा के निश्चित उद्देश्य होते हैं जिनकी प्राप्ति पाठ्यक्रम एकीकरण से ज्यादा सरल हो जाती है।
10- विभिन्न विषयों के शिक्षण और क्रियाओं के उद्देश्यों की प्राप्ति :- पाठ्यक्रम एकीकरण विभिन्न विषयों को अलग-अलग ना करके सबको एक साथ समायोजित कर पढ़ाये जाने पर जोर देता है जिस कारण पाठ्यक्रम एकीकरण के अंतर्गत विभिन्न विषयों के शिक्षण और क्रियाओं के उद्देश्यों की प्राप्ति हो जाती है।
पाठ्यक्रम एकीकरण के तत्व
पाठ्यक्रम एकीकरण के निम्न 3 तत्व
1- वास्तविक जीवन पर आधारित
पाठ्य एकीकरण को वास्तविक जीवन से संबंधित बनाया जाता है । वास्तविक जीवन पर आधारित होने के कारण बच्चा इसे शीघ्रता सुगमता और गहराई से किसी विषय के बारे में यह प्रकरण के बारे में ज्ञान प्राप्त कर पाता है।
2- प्रायोगिकता पर आधारित
पाठ्यक्रम एकीकरण संयोगिता पर आधारित होता है। किसी भी कार्य को करके सीखने से बच्चा उस कार्य को शीघ्र और अच्छे से सीख पाता है।
3- विभिन्न गतिविधियों पर आधारित
विभिन्न गतिविधियों पर आधारित से तात्पर्य है कि पाठ्यक्रम एकीकरण के अंतर्गत हम विभिन्न विषयों को एक रूप देकर उसका अध्ययन करते हैं।
पाठ्यक्रम एकीकरण के केंद्रीय बिंदु
पाठ्यक्रम एकीकरण निम्न बिंदुओं पर केंद्रित है
1- मूलभूत योग्यता बेसिक्स स्केल
2- उच्च स्तर की सोच
3- विविध बुद्धिमत्ता
4- निर्णय लेने की शक्ति विकसित करना
5- प्रकरण
पाठ्यक्रम एकीकरण के लाभ
पाठ्यक्रम एकीकरण के माध्यम से शिक्षा देने के कई लाभ है
1- किसी भी प्रकार के प्रकरण को पूर्ण रूप से समझने में सहायक होता है
2- प्रकरण को पूर्ण रूप से समझने की क्षमता को बढ़ाता है तथा उच्च कोटि की सोच का विकास करता है।
3- वास्तविक जीवन के अनुभवों में सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
4- पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों यात्रियों के मध्य संबंध स्थापित करता है।
5- बहुभागी बुद्धिमत्ता (multiple intelligence) का विकास करता है।
6- विभिन्न प्रकार के सिद्धांतों एवं सीखने के शैलियों को समझने में सहायक सिद्ध होता है।
उपसंहार
पाठ्यक्रम-एकीकरण एक ऐसे सिद्धांत पर कार्य करता है जो कि हमारे भविष्य की मांग है। पाठ्यक्रम एकीकरण के अंतर्गत विषयों को अलग-अलग पढ़ाये जाने के स्थान पर उन सभी के मध्य संबंध स्थापित कर उन सब को एक साथ पढ़ा जा सके।
पाठ्यक्रम एकीकरण के अंतर्गत ऐसे पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाता है जिसमें एक समानता रखने वाले विषयों को एक साथ पढ़ाया जाता है। उदाहरण के लिए जैसे सामाजिक अध्ययन के अंतर्गत इतिहास, भूगोल, समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र, नागरिक शास्त्र आदि विषयों को एक साथ बढ़ाया जाता है। विज्ञान के अंतर्गत भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, गणित एवं जीव विज्ञान आदि।
पाठ्यक्रम-एकीकरण के अंतर्गत शिक्षक को सिखाने और छात्र को सीखने में रुचि बढ़ती है तथा छात्र किसी भी विषय को या प्रकरण को ज्यादा जल्दी और सरलता से सीख पाता है।
यह भी जानें-
सामयिक या प्रकरण उपागम (Topical Approach)
Meaning and Definition of Education
मापन के स्तर (Levels of Measurement)
Thanks for this notes.
Sath mai request krti hu ki ho sake to topical , unit and concentric approaches , organization of curriculum ke v ans hame mil jaye to mai aapki bahut aabhari rahungi
Thanks for appreciation.
Bahut jaldi aapko in topics ke answer mil jaayenge.